मेरी अमेरिका यात्रा पर राहुल गांधी झूठ बोल रहे हैं, विदेश में भारत की छवि को नुकसान पहुंचा रहे हैं: विदेश मंत्री एस जयशंकर का पलटवार
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के द्वारा उनकी अमेरिका यात्रा के बारे में लगाए गए आरोपों का कड़ा विरोध किया है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने जानबूझकर उनके अमेरिका दौरे के बारे में झूठ बोला है और इसके परिणामस्वरूप भारत की छवि को विदेशों में नुकसान हुआ है।
जयशंकर ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में स्पष्ट किया कि उन्होंने दिसंबर 2024 में अमेरिका यात्रा के दौरान अमेरिकी विदेश मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) से मुलाकात की थी। इसके अलावा, उन्होंने वहां हमारे महावाणिज्य दूतों की बैठक की अध्यक्षता भी की थी। इस दौरान, नए नामांकित NSA ने उनसे मुलाकात की थी।
विदेश मंत्री ने कहा, “किसी भी स्तर पर प्रधानमंत्री के निमंत्रण पर चर्चा नहीं की गई। यह सामान्य ज्ञान है कि हमारे प्रधानमंत्री इन कार्यक्रमों में आमतौर पर शामिल नहीं होते। भारत का प्रतिनिधित्व आमतौर पर विशेष दूतों द्वारा किया जाता है।”
इसके साथ ही, उन्होंने राहुल गांधी पर आरोप लगाया कि उनकी गलत जानकारी से विदेशों में भारत की छवि पर प्रतिकूल असर पड़ा है। जयशंकर ने कहा कि राहुल गांधी का यह कदम राजनीतिक हो सकता है, लेकिन इससे भारत को नुकसान हो रहा है।
राहुल गांधी का बयान
राहुल गांधी ने इस मामले में कहा था कि भारत को अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ाने की आवश्यकता है और इसी वजह से अमेरिका ने प्रधानमंत्री को आमंत्रित नहीं किया। उन्होंने कहा, “हम उत्पादन में पीछे हैं, इसलिए हम प्रधानमंत्री को अमेरिका नहीं भेजते, जबकि अमेरिकी राष्ट्रपति खुद प्रधानमंत्री को भारत बुलाते हैं।”
कीरेन रिजिजू की आपत्ति
राहुल गांधी के बयान पर केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा कि विपक्ष के नेता को इस तरह की बयानबाजी से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को गंभीर मुद्दों पर बात करनी चाहिए, न कि ऐसी बातों से देश की छवि को नुकसान पहुंचाना चाहिए।
राहुल गांधी ने इस पर जवाब देते हुए कहा, “मैंने सिर्फ यह कहा था कि विदेश मंत्री को तीन बार अमेरिका भेजा गया। अगर इस सवाल से आपको परेशानी हुई तो मैं माफी चाहता हूं।”
निष्कर्ष
विदेश मंत्री एस जयशंकर और राहुल गांधी के बीच यह बयानबाजी भारत की विदेश नीति और सरकार की अंतर्राष्ट्रीय छवि को लेकर महत्वपूर्ण चर्चा का हिस्सा बन गई है। दोनों पक्षों के आरोप-प्रत्यारोप से यह स्पष्ट है कि राजनीतिक मोर्चे पर विवाद गहरा सकता है, खासकर जब बात देश की छवि और विदेश नीति की होती है।