paryavaran kise kahate hain

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पर्यावरण: हमारे आसपास का जीवनदायी जाल

पर्यावरण शब्द दो शब्दों – “परि” (चारों ओर) और “आवरण” (घेरने वाला) से मिलकर बना है। इसका शाब्दिक अर्थ है हमारे चारों ओर घेरने वाला, यानी वह सब कुछ जो हमें घेरे हुए है और हमारे अस्तित्व को प्रभावित करता है। सरल शब्दों में कहें तो पर्यावरण हमारे चारों ओर का जीवनदायी जाल है, जिसमें भौतिक, रासायनिक और जैविक तत्वों का एक जटिल और परस्पर जुड़ा हुआ संतुलन शामिल होता है।

पर्यावरण के मुख्य घटक:

  • भौतिक पर्यावरण: इसमें वायु, जल, मिट्टी, पहाड़, घाटियाँ, नदियाँ, महासागर और अन्य प्राकृतिक संरचनाएँ शामिल हैं।
  • जैविक पर्यावरण: इसमें सभी जीवित चीजें जैसे पौधे, जानवर, कीटाणु, माइक्रोऑर्गेनिज्म आदि शामिल हैं।
  • रासायनिक पर्यावरण: इसमें वायु और जल में पाए जाने वाले विभिन्न रासायनिक यौगिक और मिट्टी का रासायनिक मेकअप शामिल है।

इन घटकों के बीच एक जटिल अंतर्संबंध होता है। उदाहरण के लिए, पौधे प्रकाश संश्लेषण के माध्यम से वायुमंडल में ऑक्सीजन छोड़ते हैं, जो सभी जानवरों के जीवन के लिए आवश्यक है। वहीं, जानवर कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ते हैं, जिसका उपयोग पौधे प्रकाश संश्लेषण के लिए करते हैं। इस तरह, विभिन्न घटक एक दूसरे पर निर्भर होते हुए पूरे पारिस्थितिक तंत्र को बनाए रखते हैं।

पर्यावरण का महत्व:

  • जीवन का आधार: पर्यावरण हमारे जीवन का आधार है। यह हमें ऑक्सीजन, भोजन, पानी और अन्य आवश्यक संसाधन प्रदान करता है।
  • जीवन शैली का निर्धारण: हमारा वातावरण हमारी जीवन शैली को भी प्रभावित करता है। उदाहरण के लिए, पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले लोग समतल क्षेत्रों में रहने वालों की तुलना में अलग गतिविधियों में शामिल होते हैं।
  • आर्थिक विकास: एक स्वस्थ पर्यावरण आर्थिक विकास और समृद्धि का भी आधार है। पर्यटन, कृषि, मछली पालन और अन्य उद्योग पर्यावरण पर निर्भर हैं।

पर्यावरणीय चुनौतियाँ:

हाल के वर्षों में, पर्यावरण कई गंभीर चुनौतियों का सामना कर रहा है, जिनमें शामिल हैं:

  • जलवायु परिवर्तन: ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में वृद्धि के कारण पृथ्वी का औसत तापमान बढ़ रहा है, जिससे समुद्र का स्तर बढ़ रहा है, चरम मौसम की घटनाएं बढ़ रही हैं और पारिस्थितिक तंत्र बिगड़ रहे हैं।
  • प्रदूषण: वायु, जल और मिट्टी का प्रदूषण पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य के लिए एक बड़ा खतरा है।
  • जैव विविधता का ह्रास: प्राकृतिक आवासों का विनाश और अत्यधिक शिकार के कारण कई पौधों और जानवरों की प्रजातियां विलुप्त होने के खतरे में हैं।

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पर्यावरण संरक्षण:

पर्यावरण की इन चुनौतियों का सामना करने के लिए, हमें अपने उपभोग के पैटर्न को बदलने और पर्यावरण को संरक्षित करने के लिए संयुक्त प्रयास करने की आवश्यकता है। कुछ महत्वपूर्ण कदमों में शामिल हैं:

  • ऊर्जा का संरक्षण और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को अपनाना।
  • कम दूरी की यात्रा के लिए साइकिल या पैदल चलना।
  • पानी का संरक्षण और कम पानी वाले उपकरणों का उपयोग करना।
  • कचरे को कम करना, पुन: उपयोग करना और रीसायकल करना।
  • रसायनों के उपयोग को कम करना और प्राकृतिक उत्पादों का चयन करना।
  • वनों और अन्य प्राकृतिक आवासों का संरक्षण करना।
  • पर्यावरण के बारे में जागरूकता फैलाना और दूसरों को प्रेरित

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